sidh kunjika Fundamentals Explained
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श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥ ९ ॥
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
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अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥
श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)